मुलताई

उत्कृष्ट विद्यालय से रेल्वे सीमा तक तक बन रही सीमेन्ट सड़क में नगर पालिका के ठेकेदार द्वारा किए जा रहे लगातार घटिया निर्माण की खबरों के प्रकाशन के बाद एसडीएम राजेश शाह ने निर्माण की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी तथा आरईएस के तकनीकि अधिकारियों की टीम बनाई जा रही है जो सड़क की गुणवत्ता की जांच करेगी। एसडीएम शाह ने बताया कि पूर्व में तिलक वार्ड पार्षद सहित निगरानी समिति द्वारा भी घटिया निर्माण की शिकायत की गई थी तथा रविवार सड़क निर्माण में घटिया सामग्री सहित गिट्टी की जगह बड़े बोल्डर डालने की भी शिकायत मिली है। पूर्व में मिली शिकायत पर ठेकेदार को चेतावनी दी गई थी लेकिन इसके बावजूद कार्य की गुणवत्ता में सुधार नही किए जाने से जांच टीम बनाई जा रही है। जांच टीम द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद ठेकेदार के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नपा अधिकारी नही दे रहे संतोषप्रद जवाब
इधर नगर में नपा ठेकेदार द्वारा लगभग पांच करोड़ रूपए के कार्य किए जा रहे हैं जिसमें जमकर मनमानी करते हुए घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। इस संबन्ध में नगर पालिका के अधिकारियों से जब भी शिकायत की गई उन्होने संतोषप्रद जवाब नही दिया। अधिकारियों के मौन से पूरे निर्माण कार्य में मिलीभगत की संभावना लग रही है जिससे ठेकेदार बेखौफ होकर मनमानी कर रहा है। वहीं नपा के प्रमुख जनप्रतिनिधि भी मूक दर्शक बनकर तमाशबीन बने हुए हैं।
पहले की सड़कों की तरह ही उखड़ जाएगी नई सड़कें
जल विभाग के सभापति हनि सरदार ने बताया कि ठेकेदार द्वारा बहुत ही घटिया काम किया जा रहा है, पूर्व में भी एक ठेकेदार ने इसी रेशों के मसाले की स$डक बनाई थी, जिसके बाद सभी स$डके उख$ड रही है। इस ठेकेदार द्वारा बनाई जा रही स$डके भी उख$डना तय है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे, यह समझ से परे हैं। मटेरियल की जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
लैब तक नहीं बनाई ठेकेदार ने, नपा के अधिकारी चुप
ठेकेदार द्वारा ५ करोड र्स्पए की लागत से स$डक बनाई जा रही है, लेकिन नियमों का पालन नहीं कर रहा है और नगर पालिका के अधिकारी भी ठेकेदार से नियमों का पालन कराने की बजाए, काम जल्दी कराने की मजबूरी बताकर बिना नियमों के पालन करवाएं काम करवाने की बात कह रहे है। नियमानुसार ठेकेदार को एक लैब बनाना था, जिसमें इस्तेमाल किया जा रहे मटेरियल एवं मसाले के सैंपल लेकर जांच की जाती है और फिर उनका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ठेकेदार ने कोई लैब नहीं बनाई है।

 

Source : Akshay soni/Rakesh agrwal