नई दिल्ली
अप्रैल महीने में वेज थाली के दाम 8 प्रतिशत बढ़कर 27.4 रुपए पर पहुंच गया। पिछले साल इसी महीने में वेज थाली की कीमत 25.4 रुपए थी। महंगे प्याज, टमाटर और आलू के कारण वेज थाली के दाम में इजाफा देखा गया है। बुधवार को जारी क्रिसिल की रोटी-राइज रेट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की ‘रोटी-राइज रेट’ रिपोर्ट के अनुसार, ब्रॉयलर सस्ता होने के कारण इसी अवधि में नॉन वेज थाली की कीमत 58.9 रुपए से 4 प्रतिशत गिरकर 56.3 रुपए पर आ गई। एक वेज थाली में आमतौर पर रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर और आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होता है।  नॉन-वेज थाली के घटक वेज थाली के समान ही होते हैं, बस दाल की जगह पर चिकन को रखा गया है। क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना करता है।

चावल और दालों की कीमतें सालाना आधार पर दोहरे अंक में बढ़ी
क्रिसिल ने कहा, “रबी के रकबे में उल्लेखनीय गिरावट और पश्चिम बंगाल में आलू की फसल को नुकसान होने के कारण प्याज की कम आवक के कारण कीमत में वृद्धि हुई।” चावल और दालों की कीमतों में भी सालाना आधार (Y-o-Y) पर क्रमश: 14 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जीरा, मिर्च और वनस्पति तेल की कीमतों में क्रमश: 40 प्रतिशत, 31 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे वेज थाली की लागत में और वृद्धि नहीं हुई। ब्रॉयलर और चिकन की कीमत में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की कमी के कारण नॉन वेज थाली के दाम घट गए। बता दें कि एक नॉन वेज थाली की कुल लागत में ब्रॉयलर की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होती है।

टमाटर और आलू की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी
पिछले महीने यानी कि मार्च की तुलना में, प्याज की कीमतों में 4 प्रतिशत की गिरावट और ईंधन की लागत में 3 प्रतिशत की गिरावट के कारण अप्रैल में वेज थाली की कीमत स्थिर रही। टमाटर और आलू की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। ब्रॉयलर की अधिक मांग और बढ़ती इनपुट लागत के कारण मार्च की तुलना में अप्रैल में नॉन वेज थाली की लागत 3 प्रतिशत बढ़ गई।

आने वाले समय में सब्जियों की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के शोध निदेशक पुशन शर्मा के अनुसार, निकट भविष्य में सब्जियों की कीमतें “ऊंची रहने” की आशंका है। उन्होंने कहा, “नवंबर 2023 से, वेज और नॉन वेज थालियों की कीमतें अलग-अलग हो रही हैं। वेज थाली साल-दर-साल महंगी हो गई है, जबकि नॉन वेज थाली सस्ती है। इसका मुख्य कारण ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट है, जबकि प्याज, आलू और टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतें कम आधार पर बढ़ी हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमें उम्मीद है कि सब्जियों की कीमतें स्थिर रहेंगी, हालांकि गेहूं और दालों की कीमतों में अनुमानित गिरावट से कुछ राहत मिलेगी।”

Source : Agency