वैशाख की विनायक चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी व्रत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है और इस बार विनायक चतुर्थी 11 मई शनिवार के दिन है। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और भक्तों से दुख दूर होते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, वैशाख शुक्ल चतुर्थी तिथि 11 मई को सुबह 02:50 बजे शुरू होगी और 12 मई, रविवार को दोपहर 02:03 बजे खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी 11 मई को ही मनाना उचित होगा।

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
वैशाख विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10.57 बजे से लेकर दोपहर 01.39 बजे तक है। 11 मई 2024 को विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग, सुकर्मा और मृगशिरा नक्षत्र है। इस दिन रवि योग सुबह 05.33 बजे से 07.13 बजे तक है। इसके अलावा सुकर्मा योग 11 मई को सुबह 10.03 बजे तक रहेगा और इसके बाद धृति योग लग जाएगा। मृगशिरा नक्षत्र सुबह 10.15 बजे तक है और इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र लग जाएगा।

न करें चंद्रदेव के दर्शन
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्र देव के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में चंद्र दोष लगता है। विनायक चतुर्थी पर चंद्रोदय सुबह में हो जाता है, इसलिए साधक को सुबह मुहूर्त में ही भगवान श्रीगणेश की पूजा कर लेना चाहिए।

 

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